मुझे अमेरिका में डॉलर, एेशो आराम और शोहरत सब कुछ मिला, चाहता तो मै वहीं रह कर wwe में और ज्यादा डॉलर कमा सकता था लेकिन मैं भारतीय टेलेंट को आगे लाना चाहता हूं। ये कहना है स्टार रेसलर और पूर्व wwe हैवीवेट चैंपियन द ग्रेट खली का। खली का टारगेट हर शहर में प्रो फाइट आयोजित करने का है। इंडियन स्पोर्ट्स न्यूज़ डॉट काम से एक्सक्लूसिव बातचीत में खली ने कहा कि जब मैने जालंधर में अपनी रेसलिंग एकेडमी शुरू करने का फैसला किया तो मुझे लोगों ने कहा कि क्यों पैसे खराब कर रहे हो...
ये रेसलिंग यहां नहीं चलेगी लेकिन मुझे भरोसा था और अब देखिए कि उत्तराखंड के बाद हरियाणा में CWE के बैनर तले हम रेसलिंग शो आयोजित करने जा रहे हैं। कॉन्टीनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट यानी CWE का मकसद है भारत से खली तैयार करना। 8 अक्टूबर को गुडगांव और 12 अक्टूबर को पानीपत में दो रेसलिंग शो मील का पत्थर साबित होंगे।
पत्थर तोड कर यहां तक पहुंचा हूं
हिमाचल में पैदा हुए खली गरीबी के दिनों को याद करते हुए कहते है कि मैं पत्थर तोड़ता था और अपनी रोजी चलाता था, सोचा नहीं था कि एक दिन अमेरिका में 5 स्टार लाइफ भी जीने को मिलेगी, इंसान को अपने पर भरोसा रखना चाहिए और सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। मैं भारत में उन पहलवानों को एक प्लेटफार्म देना चाहता हूं जिनमें टेलेंट है लेकिन रास्ता नही ंपता। जो मुझ पर गुजरी मैं नहीं चाहता कि वो दूसरों के साथ भी हो।
लोग इस रेसलिंग को अलग तरीके से देखें
हमेशा सुनने में आता है कि फलां भारतीय पहलवान ने खली को लड़ने की चुनौती दी है तो किसी ने कहा कि नकली कुश्ती के दम पर खली यहां तक पहुंचे हैं। लेकिन दिलीप सिंह राणा उर्फ खली इन बातों की परवाह नहीं करते...खली के मुताबिक लोगों को इस कुश्ती को देखने का नजरिया बदलना होगा...इसमें भी मेहनत है और वही ट्रेनेिंग है जो कुश्ती है, बस फर्क है कि ये अलग तरीके से लड़ी जाती है। इसमें आर्ट और एंटरटेनमेंट होता है। अमेरिका में लोग wwe के दीवानें है और हर स्टेडियम हाउस फुल होता है।